बी.आई.पी.ए. मध्यस्थकता पुरस्कांर होम / अभिलेखागार / बी.आई.पी.ए. मध्यस्थकता पुरस्कांर
जुलाई 26, 2016 भारत-मॉरिशस बी.आई.पी.ए. (संधि) के तहत, भारत सरकार एवं मारिशस के मेसर्स देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड के निवेशकों के बीच UNCITRAL मध्यस्थता में, मध्यस्थ अधिकरण ने 25 जुलाई को न्यायक्षेत्र तथा योग्यता पर अपना पुरस्कार जारी किया। अधिकरण ने कहा कि इस संधि के भारत सरकार के अत्यावश्यक सुरक्षा के हित के प्रावधान एक सीमा तक लागू होंगे। प्रतिपूर्ति की देयता की सीमा निवेश के मूल्य के 40% तक सीमित होगी। इसका सही परिणाम अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है। अधिकरण ने संधि के अन्य प्रावधानों के उल्लंधन के संबंध में दावों को खारिज कर दिया है जैसे (i) अनुचित या भेदभाव करने वाले उपाय; तथा (ii) सर्वाधिक पक्षपाती देश। भारत सरकार यह दोहराती है कि उसने सुयोजित, वैध एवं सही सी.सी.एस. निर्णय द्वारा अत्यावश्यक सुरक्षा के हितों को प्रेरित किया है। अधिकरण प्रदान करने की बात पर विचार किया जा रहा और जैसी उचित समझी जाए कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हम इस मामलों में सामरिक महत्व के सुरक्षा हितों की संप्रभुता सहित देश के प्रमुख हितों के प्रति प्रतिबद्ध हैं। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय ने एफ.ई.एम.ए., 1999 के उल्लंधन के लिए देवास को कारण बताओं सूचना जारी की और घनशोधन निवारण अधिनियम, 2002 के संरक्षण के तहत मामलों की छानबीन कर रहा है। प्रवर्तन निदेशालय ने देवास को एफ.ई.एम.एम., 1999 के प्रावधानों के उल्लंधन हेतु कारण बताओ सूचना जारी की है। सी.बी.आई. ने अन्य बातों के साथ-साथ, मेसर्स देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड तथा मेंसर्स एंट्रिक्स/इसरो/अं.वि. के अज्ञात लोक सेवकों के विरुद्ध एफ.आई.आर. दर्ज की। मामले की जाँच की जा रही है।